cesarean delivery kaise hoti hai ( सिजेरियन डिलीवरी कैसे होती है हॉस्पिटल में

सिजेरियन डिलीवरी कैसे होती है हॉस्पिटल में


एक महिला के माइंड में सिजेरियन डिलीवरी को लेकर बहुत से question होते हैं

तो चलिए समझते हैं इस सिजेरियन डिलीवरी के बारे में सबकुछ


सिजेरियन डिलीवरी को सिजेरियन सेक्शन और सी-सेक्शन (Cesarean section & C-section) भी कहते हैं।


ऑपरेशन की सारी तैयारियां करने के बाद

गर्भवती महिला के पेट के नीचे का हिस्सा एनेस्थीसिया देकर सुन्न कर दिया जाता है।

एनेस्थीसिया रीढ़ की हड्डी में दिया जाता है।


उसके बाद डाॅक्टर जननांग से ऊपर और पेट के निचले हिस्से में चीरा लगाते हैं।

यानि ‘प्यूबिक हेयरलाइन’ के पास, इसे ‘बिकिनी कट’ भी कहते हैं।

आमतौर पर यह चीरा आड़ा (होरिजेंटल) ही लगाया जाता है,

कुछ आपातकालीन स्थितियों में चीरा खड़ा (वर्टिकल) भी लगाया जा सकता है।

सिजेरियन डिलीवरी वीडियो


एक के बाद एक लेयर पर चीरा लगाया जाता है

पेशाब की थैली पर चीरा ना लगे

इसके लिए एक बाल्फोर रिट्रैक्टर डाला जाता है।


शिशु को चोट से बचाने के लिए, uterus की परत को हल्की-हल्की परतो मैं विभाजित करते हुए,

uterus पर सावधानी से एक चीरा लगाया जाता है।


एक बार शिशु का सिर दिखाई देने के बाद,

डॉक्टर अपने दाएं हाथ का उपयोग सिर को ढंकने के लिए किया जाता है,

और शिशु के सिर को धीरे से मोड़ा जाता है।


फिर पेट पर दबाव लगाया जाता है, जिससे शिशु के सिर को चीरे की सतह तक लाया जाता है।


फिर सबसे पहले सिर को बाहर निकाला जाता है फिर धीरे-धीरे एक-एक कंधे को बाहर निकाला जाता है

और इस प्रकार शिशु को गर्भाशय से बाहर निकाला जाता है।

सबसे पहले डाॅक्टर शिशु के मुंह व नाक को साफ करते हैं, फिर गर्भनाल को जकड़ कर काट दिया जाता है।

गर्भनाल का एक भाग जांच के लिए के लिए एकत्र किया जाता है, साथ ही प्लेसेंटा को गर्भाशय से अलग किया जाता है


फिर बच्चेदानी पर 2 लेयर में टांके लगाए जाते हैं


मरम्मत के लिए गर्भाशय को बाहरी रूप दिया जाता है, इसके बाद इम्ब्रिकेटिंग टांके की एक परत का उपयोग किया जाता है।


इम्ब्रिकेटिंग टांके पहली परत को दबा देते हैं, और गर्भाशय की दीवार को अतिरिक्त संरचनात्मक ताकत प्रदान करते हैं।


इंटर को को अलग से काटने की आवश्यकता नहीं होती धीरे-धीरे यह पेट के अंदर ही absorbe हो जाते हैं


साथ ही साथ चमड़े के नीचे की चर्बी को बंद कर दिया जाता है, इसके बाद त्वचा को बंद कर दिया जाता है।

इस पूरी प्रक्रिया मैं 40 से 60 मिनट का समय लगता है


इस पूरी प्रक्रिया के दौरान आपकी आंखों को एक कपड़े से ढक दिया जाता है, ताकि सब देखकर घबराहट ना हो। लेकिन फिर भी चीजें महसूस होती हैं।
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Nursing Officer

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